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Showing posts from October, 2017

आज ही क्यों नहीं ?

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                           काल करे सो आज कर आज ही क्यों नहीं ?  एक बार की बात है कि एक शिष्य अपने गुरु का बहुत आदर-सम्मान किया करता था |गुरु भी अपने इस शिष्य से बहुत स्नेह करते थे लेकिन  वह शिष्य अपने अध्ययन के प्रति आलसी और स्वभाव से दीर्घसूत्री था |सदा स्वाध्याय से दूर भागने की कोशिश  करता तथा आज के काम को कल के लिए छोड़ दिया करता था | अब गुरूजी कुछ चिंतित रहने लगे कि कहीं उनका यह शिष्य जीवन-संग्राम में पराजित न हो जाये|आलस्य में व्यक्ति को अकर्मण्य बनाने की पूरी सामर्थ्य होती है |ऐसा व्यक्ति बिना परिश्रम के ही फलोपभोग की कामना करता है| वह शीघ्र निर्णय नहीं ले सकता और यदि ले भी लेता है,तो उसे कार्यान्वित नहीं कर पाता| यहाँ तक कि  अपने पर्यावरण के प्रति  भी सजग नहीं रहता है और न भाग्य द्वारा प्रदत्त सुअवसरों का लाभ उठाने की कला में ही प्रवीण हो पता है | उन्होंने मन ही मन अपने शिष्य के कल्याण के लिए एक योजना बना ली |एक दिन एक काले पत्थर का एक टुकड़ा उसके हाथ में देते हुए ...

रिक्शेवाले का बेटा बना IAS officer !

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रिक्शेवाले  का बेटा  अपने पिता श्री नारायण जैसवाल के साथ गोविन्द बना IAS officer ! अगर  career के  point of view से  देखा  जाए  तो  India  में  थ्री आइज़ (3 Is) का   कोई  मुकाबला  नही: IIT,IIM, और IAS. लेकिन इन तीनो  में  IAS का  रुतबा  सबसे  अधिक  है । हर  साल  लाखों  परीक्षार्थी  IAS officer बनने  की  चाह  में  Civil Services के  exam में  बैठते  हैं  पर  इनमे  से 0.025 percent से  भी  कम  लोग  IAS officer बन  पाते  हैं । आप  आसानी  से  अंदाज़ा  लगा  सकते  हैं  कि  IAS beat करना  कितना  मुश्किल  काम है , और ऐसे  में  जो  कोई  भी  इस  exam को  clear करता  है  उसके  लिए  अपने  आप  ही  मन  में  एक...

कैसे जाने के वो आपसे प्यार करती है

वो आपसे प्यार करती है वो आपसे प्यार करती है पर वो कुछ कहती नहीं है, आप के साथ रहना उसको अच्छा लगता है | प्यार का इज़हार तो लड़के ही करते है शायद वो इस बात का इंतज़ार कर रही है | लड़कियों के मन की बात जानना कितना मुश्किल है, उसकी सारी बातें उस के मन में रहती है , पर वो कुछ ऐसा कर जाती है जिसे आप को पता चल जायेगा की वो आपसे प्यार करती है | 1. आप उसके लिए स्पेशल हो  – वो आपके फ़ोन का जवाब देती है, आपके मेसेज का जवाब झट से आता है, वो आपको फेसबुक पर हर जगह लाइक करती है, आपके हर स्टेटस पर कमेंट होता है, और ऐसा आप नोटिस करते है की आप के साथ ही हो रहा है |   2. उसके दोस्त  – अगर वो आपको प्यार करती है उसके दोस्तों को पता होता है, वो भी आपसे घुलने मिलने की कोशिश करते है | वो कही भी मिले तो बातचीत शुरू हो जाती है |   3. हर समय आपके लिए  – आप कभी भी फ़ोन करे, आधी रात में, दिन में, वो आपसे बात करेगी, आपको सुनेगी और आपकी समस्याओं को आपने समझ कर उसका हल बताएगी | चाहे उसका कोई इम्तेहान हो या फिर उसके घर में कोई समारोह हो वो समय निकल कर आपसे बा...

Jindagi me time table nhi To Do list ka hona Jaruri hai

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school days में मैं अक्सर पढने के लिए Time Table बनाया करता था, I am sure आप भी बनाते रहे होंगे…या अगर अभी आप एक student हैं तो शायद किसी टाइम टेबल को follow करने की कोशिश कर रहे होंगे! मुझे लगता है पढाई और टाइम टेबल का सम्बन्ध बहुत नेचुरल है….स्कूल में हमें हमेशा कब किस दिन किस subject का period होगा इसके लिए टाइम टेबल बनवाया जाता था…तो शायद हमारे माइंड में जाने अनजाने ये बात बैठ गयी कि पढने के लिए टाइम टेबल ही बनाया जाता है। और चूँकि यही बात हमारे पेरेंट्स के लिए भी लागू होती है इसलिए वो भी पढने का बस एक ही तरीका जानते थे, और अक्सर उनके मुंह से ये सुनने को मिलता था– टाइम टेबल बना कर पढो। और यहीं से हमारे अन्दर Time Table बनाने की  habit पड़ जाती  है। खैर बचपन और लड़कपन की बात तो ठीक है, बड़े होने पर भी हम ऐसा ही करते हैं अंतर बस टाइम टेबल में mention किये गए आइटम्स में आ जाता है….पहले जहाँ हम Physics, Chemistry, Maths पढने का समय लिखा करते थे वहीँ अब हम….उठना है…वाक पे जाना है…काम करना है…राशन लाना है… जैसी चीजें लिख देते हैं। आप सोच सकते हैं कि इसमें बुराई क्या...

बड़ी चीज

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कोई महान काम करने की शुरुआत कहाँ से होती है? I think, ये इस सोच के साथ शुरू होती है कि –  वो  सबसे बड़ी चीज क्या है जो मैं कर सकता हूँ?   दोस्तों, हमारी ज़िन्दगी वो है जो हमने इसे अपनी choices से बनाया है. किसी भी समय में हमारे पास बहुत सी choices होती हैं…बहुत से विकल्प होते हैं…  हम कौन सा विकल्प चुनते हैं यही हमारी ज़िन्दगी को define करता है.  जो लोग सचमुच महान काम करते हैं… वो सिर्फ एक ही विकल्प चुनते हैं….और वो होता है उस काम का चुनाव करना जिसे करना वे सचमुच बड़ा मानते हैं…. ये वो सबसे बड़ी चीज होती है जो वो अपनी मौजूद परिस्थिति, स्किल्स और टैलेंट के दम पर कर सकते हैं. महात्मा गांधी  चाहते तो साउथ अफ्रीका में आराम  से वकालत कर अपनी ज़िन्दगी काट सकते थे… लेकिन उनके सामने जो सबसे बड़ी चीज वो कर सकते थे वो थी भारत की आज़ादी के लिए काम करना. महेंद्र सिंह धोनी  रेलवे की नौकरी कर अपनी लाइफ आराम से बिता सकते थे….लेकिन उनके सामने जो सबसे बड़ी चीज वो कर सकते थे वो था भारत की और से खेलना. मैं भी अपनी IT job में ग्रो कर सकता था….लेकिन मेरे सामने ज...

How to become rich in Hindi? करोड़पति बनना है तो नौकरी छोडिये !

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चलिए, पहले एक छोटी से exercise करते हैं। आप अपने शहर के किन्ही पांच करोड़पतियों की list मन में सोचिये….. please इस step को miss मत कीजिये, सोचिये ज़रूर !!! अब बताइये इस लिस्ट में क्या कोई ऐसा भी है जो नौकरी पेशा है? मेरी लिस्ट में तो नहीं है, मेरे दिमाग में जो नाम आये वो मै आपको बताना चाहूँगा। चेतना मसाले वाले Uncle,  डॉ. अग्रवाल, जिनका खुद का Hospital है Mr. Jalan-  सरिया वाले मेरे colony के एक uncle जिनके Engineering College चलते हैं, और बरनवाल Uncle, जिनके यहाँ से हम लोग jewellery खरीदते हैं। इन सभी में एक बात common है। लोग इनके यहाँ नौकरी करते हैं पर ये किसी के यहाँ नौकरी नहीं करते। ये सभी उद्यमी हैं, Entrepreneurs हैं, Businessmen हैं पर employee नहीं हैं। मैंने कुछ दोस्तों से भी ये प्रश्न किया उनकी सूची में भी किसी नौकरी करने वाले का नाम नहीं था। अब ये बात और है कि आप दीमाग पे जोर डालेंगे तो कुछ ऐसे लोग मिल जायेंगे पर इनमे से ज्यादातर के बाल या तो सफ़ेद हो चुके होंगे या फिर पूरी फसल ही साफ़ हो चुकी होगी।   अगर बाल सफ़ेद करा...

Swami Dayanand Sarswati ki jivani In Hindi

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आर्य समाज के संस्थापक  स्वामी दयानंद सरस्वती  एक महान देशभक्त व उच्च श्रेणी के समाजसेवी थे। उनका प्रभावशाली व्यक्तित्व और असीम ज्ञानकोश उन्हें इतिहास में विशेष स्थान प्रदान करता है। ज्ञान गुणवान सर्व सम्पन्न स्वामीजी का सम्पूर्ण जीवन समाज कल्याण कार्यों में बीता था। वे मूर्तिपूजा में आस्था नहीं रखते थे। बाल्यकाल से ही उन्होंने सभी वेद और उपनिषदों का निरंतर अभ्यास किया। स्वामी दयानंद सरस्वती वैदिक धर्म के प्रबल समर्थक रहे, उनका जीवनचरित्र अत्यंत रोचक व प्रशंसनीय है। संक्षिप्त परिचय   नाम महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती  (मूल शंकर तिवारी)   जन्म 12 फ़रवरी, 1824 टंकारा, गुजरात मृत्यु 30 अक्टूबर, 1883 (59 वर्ष),  अजमेर  माता / पिता  अमृत बाई / करशनजी लालजी तिवारी कार्यक्षेत्र समाज सुधारक, देशभक्त, सन्यासी, महान चिंतक उपलब्धि आर्य समाज के संस्थापक।  ‘स्वराज्य’ का नारा देने वाले पहले व्यक्ति , जिसे बाद में  लोकमान्य तिलक  ने आगे बढ़ाया. रुढ़िवादी सोच को बदला तथा कई कुरीतियों को मिटाने के प्रयत्न किये। प्रारंभिक जीवन...